...

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रात से घबराना नहीं
देखो तुम निराश हो
हताश हो
हैरान हो
या परेशान हो
जो भी हो
पर नाकाम ना हो
मुश्किलें आती है तो आये
परेशानी जितनी भी हो
तुम ना घबराओ
देखो चुनौतियों में भी एक बात है
बुरे वक़्त में भी कुछ ख़ास है
जैसे तीखे के बाद मीठा भाता है
जैसे दिन के बाद रात आता है
पर रात से घबराना नहीं
रात काली हो तो पता है ना
सुबह नज़दीक है
बुरे किरदारों में भी एक सीख है
रावण अभिमानी था
पर क्या भक्त ज्ञानी था
इंद्रजीत ने क्या खूब युद्ध में
लक्ष्मण को ललकारा था
धोखे से ही धराशायी हुआ
तभी तो श्री राम ने भी
उनका लोहा माना था
तो जब भी कोई तोड़े तुम्हें
परिस्थितियों को कोस मत
रक़्तबीज के जैसा बन
एक कटे तो हज़ार फण
तो मतलब हार जितनी हो भारी
अगली तैयारी हो उतनी ही बड़ी
फिर देखना तुम अपनी उड़ान
कहा ना की हताश हो
निराश हो जो भी हो पर
कभी ना होना नाकाम



© Ritu Verma ‘ऋतु’