कितनी उम्र की है तू मौत
#छिपेविचार
बहुत कुछ दिखेगा उस रोज,
जिस रोज ,
आँखें बंद होंगी,
खुलेंगे किवाड़ आधारों के,
आंखों में नमी होगी,
अलमारी में पड़े सड़ रहे होंगे कागजात,
घर के,
किताबों के,
डिग्रियों के,
रिश्तों के,
पर कोई घर,
कोई रिश्ता,
कोई किताब,
कोई डिग्री,
रोक नहीं सकेगी जाने वाले को,
यूं तो मौत अचानक भी होती है,
बता के भी होती है,
साजिशों से भी होती है,
बिन सजा के होती है,
सजा में होती है,
उम्र पे होती है,
पर आंसु तो सबमें गिरते हैं,
तलब रह...
बहुत कुछ दिखेगा उस रोज,
जिस रोज ,
आँखें बंद होंगी,
खुलेंगे किवाड़ आधारों के,
आंखों में नमी होगी,
अलमारी में पड़े सड़ रहे होंगे कागजात,
घर के,
किताबों के,
डिग्रियों के,
रिश्तों के,
पर कोई घर,
कोई रिश्ता,
कोई किताब,
कोई डिग्री,
रोक नहीं सकेगी जाने वाले को,
यूं तो मौत अचानक भी होती है,
बता के भी होती है,
साजिशों से भी होती है,
बिन सजा के होती है,
सजा में होती है,
उम्र पे होती है,
पर आंसु तो सबमें गिरते हैं,
तलब रह...