मैं तुम्हारा कोई नहीं
मैं तुम्हारा कोई नहीं !
पर तुम ,मेरे लिए सब कुछ हो
ऐ मेरे प्यारे दोस्त !
इक परिंदा हूँ मैं ,परथके टुर जाऊँगा !
कमी खलेगी मेरे दोस्त, बहुत याद आऊंगा !
कभी चश्मों,कभी चिनारों को तकेंगीं अंखियां ;
कभी धारों,कभी सितारों में नज़र आऊंगा !
कमी खलेगी मेरे दोस्त,बहुत याद आऊंगा !
माना ,आज मैं...
पर तुम ,मेरे लिए सब कुछ हो
ऐ मेरे प्यारे दोस्त !
इक परिंदा हूँ मैं ,परथके टुर जाऊँगा !
कमी खलेगी मेरे दोस्त, बहुत याद आऊंगा !
कभी चश्मों,कभी चिनारों को तकेंगीं अंखियां ;
कभी धारों,कभी सितारों में नज़र आऊंगा !
कमी खलेगी मेरे दोस्त,बहुत याद आऊंगा !
माना ,आज मैं...