वैश्या ।
निशबध रात के अंधकार में
चलता है एक शहर ।
बिकती कितनी ही आब्रुएं हैं
बिकती हैं रात भर ।
इज्जतदार रूहें...
चलता है एक शहर ।
बिकती कितनी ही आब्रुएं हैं
बिकती हैं रात भर ।
इज्जतदार रूहें...