बेजान मोहब्बत
अब तो धड़कनें भी
तुम्हारे बिन
धड़कने बंद हो गए हैं
सांसे चल रही है
जिंदा हूं
बेजान सा हो गए हैं ......!!
वास्तव में
तुम आई ही नहीं थी
मेरी जिंदगी में
तुम तो थी मेरी
कल्पनाओं और
ख्वाबों में ........!!
मैं तो यूं ही
दिल में तुम्हें
जगह दे दिए थे
अपना समझ बैठे थे
क्योंकि
दिल के अरमा
जग चुके थे ......!!
तुम...