...

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कैसे कह दूं?......
न कुछ सोचा कि मेरा हाल होगा क्या,
न कुछ समझा कि अंजाम होगा क्या,
न ही जाना कि मेरा जवाब होगा क्या,

दूर चले जाओ अब जिन्दगी से मेरी,
कह दिया कि तुम मेरे लगते हो क्या?

तुम्हारी वजह से सुकून छिन गई मेरी,
तुम्हारी वजह से दिल लगता नहीं मेरा,
तुम्हारी वजह से चैन चला गया है मेरा,

दूर चले जाओ अब जिन्दगी से मेरी,
कह दिया कि तुम मेरे लगते हो क्या?

कैसे कहूं तुम्हें हूं जिन्दगी की सांसे तेरी,
कैसे कहूं तुम्हें हूं ख्वाबों की बातें तेरी।
कैसे कहूं मैं ही हूं जन्मों की चाहत तेरी।

कैसे कहूं मैं हूं तेरा और तुम हो बस मेरी।
कैसे कह दूं? ......
© SÀTYÀM_pd @SPD_