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ओशो एक अंतर्दृष्टि
मैं ओशो ( रजनीश) की पुस्तकें पढ़ने के लिए हमेशा बेताब रहता हूं, ओशो की प्रत्येक पुस्तक एक अलग आनंद देती है, मैंने मेरी तनख्वाह में से अधिकतर पैसा ओशो की किताबें पढ़ने में खर्च किया, आज भी अगर ओशो का कोई विचार देखता हूं तो अंदर एक हंसी और आनंद आ जाता है, ओशो को पढ़ना समस्त प्रकृति के साथ जुड़ने जैसा है, ओशो के विचार श्री कृष्ण की बांसुरी से निकले स्वर है, ओशो की गीता का तो कहना ही क्या ! जितना पढ़ो उतना ही कम ! कोशिश करूंगा ओशो का पूरा साहित्य मेरे पास हो!
© ◆Mr Strength