यकीन मानो...
यकीन मानो तुम्हारे होठों से हंसी को ना जाने दूंगा।
तुम्हारे करीब किसी भी गम को ना आने दूंगा।
तुम्हारे ख्वाब, तुम्हारी आरज़ू को मैं पूरा करूंगा।
तुम्हारे दामन को चांद और सितारों से भर दूंगा।
तुम्हारे क़दमों में फूल नहीं अपना दिल बिछा दूंगा।
तुम ठहरो जहां उस जगह को गुलिस्तां बना दूंगा।
तुम खूबसूरत हो पर तुम्हारे दिल को हसीन कहूंगा।
मैं तुम पर अपने खुदा से भी ज़्यादा यकीन करूंगा।
अपने जज़्बातों पर रहम कर बस इतना ही कहूंगा।
मैं तुम्हारा था, तुम्हारा हूं और सिर्फ तुम्हारा ही रहूंगा।
काश! कोई आहिस्ता से हमसे ऐसा कुछ कह जाता।
तो ज़िन्दगीभर ये दिल उसका शुक्रगुज़ार रह जाता।
by Santoshi
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