...

6 views

story of aspirants
#WritcoPoemPrompt75
Write a poem about the hardships of trying to achieve something.

ढलती हुई इस शाम के बाद एक रोशन सुबह की हकदार तो मैं भी हूं,
छोटे-छोटे लम्हों में ख़ुशी ढूंढ़ कर हंसने की हक़दार तो मैं भी हूं,

तो क्या हुआ अगर मैंने मुश्किल रास्ता हैं चुना,
तो क्या हुआ अगर बड़ा है मेरा सपना

सपनों के पीछे की दौड़ में जिना भूलना नहीं चाहती,
मैं जो भी हूं, जैसी भी हूं ,अपने आप को बदलना नहीं चाहती

सब कुछ कुर्बान करना आसान नहीं होता
डर लगता है सोच के कि क्या होगा इतना करके गर वो मंजिल, वो मुकाम नहीं मिलता

एक पागलपन एक जुनून चाहिए वह जाने के लिए
बहुत कुछ खोना पड़ता है मंजिल पाने के लिए...
© piyusha's