पता न चले
बचा कर रख लूँ, छुपा कर रख लूँ
कहीं किसी को पता न चले
नज़ुक दौर है, इश्क़ की लौ जला कर रख लूँ
दुआ है मेरी, ख़ुदा कुछ रोज़ हवा न चले
हकीक़त बने न बने, मैं ख्वाब बना कर रख लूँ
लब सिल जाएं, जहां में...
कहीं किसी को पता न चले
नज़ुक दौर है, इश्क़ की लौ जला कर रख लूँ
दुआ है मेरी, ख़ुदा कुछ रोज़ हवा न चले
हकीक़त बने न बने, मैं ख्वाब बना कर रख लूँ
लब सिल जाएं, जहां में...