अब आ भी जाओ ना
दिल की दुनिया मे अमावस का अंधेरा है
पूरनमासी कब आएगी,कोई तो बतलाओ ।।
नफ़रतों की आंधियां हर तरफ़ हैं चल रही
तुम एक चिराग़ मोहब्बत का, जलाओ ।।
फ़ञा में हर तरफ़ धुआं धुआं सा फैला है
इन्सान बनो आगे बढ़ो, आग अब बुझाओ
जो मिट गया है सुकूनो सब्र इस जहान से
उठो उठो अब शांति का परचम,...