जमानत–ए–ज़िंदगी,,
एक बाप की सबसे बड़ी दौलत उसकी औलाद होती है,,
आंखो का तारा,, जिंदगी की जमानत होती है,,
एक बाप के लिए जवान बेटे की मौत बोहोत दर्दनाक होती है,,
उसके लाशे को कंधे पे उठाने की अजियत,,बोहोत खौफनाक होती है,,
आंखें हो जाती है बेजान,,
जब औलाद की रूह जिस्म से जुदा होती है,,
लाख दौलत भरी हो घर के खजाने में,,,
लाख दौलत भरी हो घर के खजाने में,,,
एक बाप हो जाता है गरीब उस दिन,,
जिस दिन ...
आंखो का तारा,, जिंदगी की जमानत होती है,,
एक बाप के लिए जवान बेटे की मौत बोहोत दर्दनाक होती है,,
उसके लाशे को कंधे पे उठाने की अजियत,,बोहोत खौफनाक होती है,,
आंखें हो जाती है बेजान,,
जब औलाद की रूह जिस्म से जुदा होती है,,
लाख दौलत भरी हो घर के खजाने में,,,
लाख दौलत भरी हो घर के खजाने में,,,
एक बाप हो जाता है गरीब उस दिन,,
जिस दिन ...