रिश्तों में उलझी
मेरा कोई नहीं, कोई नहीं,
कुछ रिश्ते हैं आधे अधूरे से
कुछ टूटे कुछ पूरे से
कुछ सच्चे कुछ आस हैं,
कभी दूर कभी पास हैं.
कमी दोनों की खलती है,
जो दिल के पास हैं,
और...
कुछ रिश्ते हैं आधे अधूरे से
कुछ टूटे कुछ पूरे से
कुछ सच्चे कुछ आस हैं,
कभी दूर कभी पास हैं.
कमी दोनों की खलती है,
जो दिल के पास हैं,
और...