...

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केवल आप
जैसे ही मैं अँधेरे में ढलता हूँ..
केवल आपका प्रकाश ही मुझे बाहर खींच सकता है

रोते रोते रात बिताता हूँ..
केवल तुम्हारे नाजुक हाथ ही मेरे आंसू पोछ सकते हैं

जैसे ही मैं भूल जाता हूं कि खुशी कैसी होती है..
केवल आपकी उपस्थिति ही मेरे चेहरे पर मुस्कान ला सकती है

लेकिन जैसे-जैसे आपकी कमी हर दिन खलती है..
केवल वास्तविकता ही आपके गैर-अस्तित्व को हरा देती है


© QueenOH