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आत्मपरिचय
हालात उसके इस समय है यू
तुमसे क्या कहें वह और क्यों
हमेशा सबसे खुशमिजाजी से बात करनेवाला
लोगों को हँसाकर हमेशा खुश रखनेवाला
शुरू से बराबर समझकर कदम उठानेवाला
आज ढूंढ रहा है कौन है उसे संभालनेवाला
जब आया था वह 2017 में यहां पर
गंगा नदी बहती है जिस धरा पर
प्रथम वर्ष उसने ना किसी से बात की
कुछ लोगों के साथ दोस्ती की शुरुआत की
आते-आते अंत में, कक्षा छठवीं के
बोलने लगा वह भी पर बोलता अदब से
फिर बना वह अगले साल सदस्य काउंसिल का
लोग दोस्त उसे बनाते थे दिल से या मजा लेते थे दिल का हर तरफ से सभी ने दोस्ती निभाई
उसके बाद में अलग हुए कुछ इस कदर जैसे दूध अलग होता है मलाई
सातवीं में दोस्ती के परिणाम तो नहीं रहें
जिसको कुछ कह सके हक से ऐसे प्रमाण तो नहीं रहे अब तक तो सब से बोलता था वह खुलकर
कोई भी कार्य करें करता था संभलकर
फिर वो मनहूस घड़ी आई वायरस वाली
आठवीं कर ली बजाके उसने भी ताली थाली
कभी उसने किसी को अपशब्द ना कहा
कोई उसे कह सके ऐसा न स्वभाव रहा
इस बीच सातवीं में हुआ हादसा उसे याद आ गया
सब से दूरी बनाने का उसके मन में विचार आ गया
जब लॉकडाउन के बाद विद्यालय पुनः आरंभ हुआ उसका तब भी किसी से बात करना ना प्रारंभ हुआ
जब खत्म हुआ आठवीं तक का...