नया साल ( कविता )
जरा बता दो 31 दिसंबर को क्यो मनाते है ?
क्या जाने वाले साल का गम खुशी से मनाते है ।
नही , हम तो आने वाले साल की खुशी मनाते है ।
फिर खुशी एक जनवरी को भूल कर दिसम्बर के आखिरी दिन क्यो मनाते हैं ?
साल बदला यही सोचकर नौजवान पागल हो जाते है ।
साल बदला यही सोचकर बुजर्ग भी दीवाने हो जाते है ।
बच्चों के लिए तो इस दिन खूब धूम धड़का होता है ।
स्त्रियो के लिए भी ये दिन जोश भरा होता है
अक्सर ऐसा होता है नये साल के दिन नास्तिक भी आस्तिक हो जाता है।
यही ऐसा मौका है जब जाने वाले का गम और आने वाले की खुशी का सामना एक साथ होता है ।
आओ मिलकर नमन करे नये साल मे जीवन स्वस्थ और लक्ष्मी खूब रहे ।
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क्या जाने वाले साल का गम खुशी से मनाते है ।
नही , हम तो आने वाले साल की खुशी मनाते है ।
फिर खुशी एक जनवरी को भूल कर दिसम्बर के आखिरी दिन क्यो मनाते हैं ?
साल बदला यही सोचकर नौजवान पागल हो जाते है ।
साल बदला यही सोचकर बुजर्ग भी दीवाने हो जाते है ।
बच्चों के लिए तो इस दिन खूब धूम धड़का होता है ।
स्त्रियो के लिए भी ये दिन जोश भरा होता है
अक्सर ऐसा होता है नये साल के दिन नास्तिक भी आस्तिक हो जाता है।
यही ऐसा मौका है जब जाने वाले का गम और आने वाले की खुशी का सामना एक साथ होता है ।
आओ मिलकर नमन करे नये साल मे जीवन स्वस्थ और लक्ष्मी खूब रहे ।
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