बहस।
दास्तान ख़त्म हुई क्या?
तुम्हें फिरसे मुहब्बत हुई क्या?
मैंने ओढ़ लिया तेरा रंग,
तुझे बहारों से कुछ ख़बर हुई क्या?
मैंने तो फूलों के कानों में कहा था!
तुमसे मेरी कुछ शिकायत हुई क्या?
तुमसे मिले हैं मौसम सारे!
कुछ उनसे मेरे बारे में बात हुई क्या?
कल...
तुम्हें फिरसे मुहब्बत हुई क्या?
मैंने ओढ़ लिया तेरा रंग,
तुझे बहारों से कुछ ख़बर हुई क्या?
मैंने तो फूलों के कानों में कहा था!
तुमसे मेरी कुछ शिकायत हुई क्या?
तुमसे मिले हैं मौसम सारे!
कुछ उनसे मेरे बारे में बात हुई क्या?
कल...