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"sath tumhaara"
गर तुम्हारा साथ हो तो
नाप दूँ संसार सारा,
लड़खड़ाते से कदम को
मैं न रुकने दूँ कभी भी।
जब तलक मंजिल मिले ना
मैं सदा चलता रहूँ,
और नहीं भयभीत होऊँ
ना डरूँ खोने से कुछ भी।
जब तलक मैं सो न जाऊँ,
जब तलक खुद खो न जाऊं
एक गहन आकाश में।
एक तिनके का सहारा
है बहुत मझधार में
पर तुम्हारे हाथ में
अब हमारा हाथ है।
फिर फिकर मैं क्यों करूँ
निर्लिप्त से संसार का,
छोड़ कर उम्मीद सारी द
ेखता हूँ बस तुम्हें।
नाप दूँ संसार सारा,
लड़खड़ाते से कदम को
मैं न रुकने दूँ कभी भी।
जब तलक मंजिल मिले ना
मैं सदा चलता रहूँ,
और नहीं भयभीत होऊँ
ना डरूँ खोने से कुछ भी।
जब तलक मैं सो न जाऊँ,
जब तलक खुद खो न जाऊं
एक गहन आकाश में।
एक तिनके का सहारा
है बहुत मझधार में
पर तुम्हारे हाथ में
अब हमारा हाथ है।
फिर फिकर मैं क्यों करूँ
निर्लिप्त से संसार का,
छोड़ कर उम्मीद सारी द
ेखता हूँ बस तुम्हें।
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