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तुम ही हो मेरी।
तुम वो हो जिससे मिलना मुश्किल है।
पर सबसे अच्छी लगती हो।
तुम वो हो जो हकीकत में मेरी नहीं है।
पर सबसे सच्ची लगती हो।
तुम वो हो जो मेरी पहुंच से बाहर है।
पर दिल के सबसे करीब रहती हो।
मैं जीत भी जाऊं तो क्या करूंगा।
जो तुम मेरे साथ में ना हो।
क्या करूंगा बड़ी गाड़ी और घर का मैं।
जो तुम मेरे पास ना हो।
मुझे खुशी तो नहीं ,पर खुशी से मंजूर करूंगा
जो दूर भी जाने का फैसला तुम्हारी खुशी से हो।
पर सबसे अच्छी लगती हो।
तुम वो हो जो हकीकत में मेरी नहीं है।
पर सबसे सच्ची लगती हो।
तुम वो हो जो मेरी पहुंच से बाहर है।
पर दिल के सबसे करीब रहती हो।
मैं जीत भी जाऊं तो क्या करूंगा।
जो तुम मेरे साथ में ना हो।
क्या करूंगा बड़ी गाड़ी और घर का मैं।
जो तुम मेरे पास ना हो।
मुझे खुशी तो नहीं ,पर खुशी से मंजूर करूंगा
जो दूर भी जाने का फैसला तुम्हारी खुशी से हो।
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