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ख्वाबो की दुनिया

© All Rights Reserved बड़ी भाव की यह दुनिया जगमगाते हुए टिमटिमाते हुए गोल-गोल सी यह दुनिया दायरे तो कभी कायरे कभी संदूक में कभी बंदूक की गोली खाती थी यह दुनिया कभी भावों तक अभी स्वभाव कभी डर की भाव में आंख दिखाती सी यह दुनिया कहीं खो ना जाऊं भीड़ में बड़ी रह मां की यह दुनिया कभी आसमान में जुगनू बन कर कविता रॉकी भाव में टिमटिमाती सी यह दुनिया कभी सूरज की रोशनी पर कहर ढा टी सी यह दुनिया बड़ी भाव की यह दुनिया जहां भी देखो अपनी ही भाव दिखाती सी यह दुनिया कभी आगे की अंगारों में एक दूसरे पर अपने जलवा दिखा दीजिए दुनिया बड़ी भाव की दुनिया