...

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" तेरी राह देखते-देखते "
" तेरी राह देखते देखते "

तेरी राह देखते देखते जैसे सदियों की लम्बी-लम्बी सूनी-सूनी यह काली-काली रात गुजर रही है..।
तन्हाई के आलम में यूँ मेरी अब उम्र गुजर रही है..!
चरागों ने बगावत की है मुझ से अब वह भी जलने से इंकार कर दिया है..!
कहते हैं मुझ से कि इंतज़ार में मैं ने
इंतेहा की है..!
तुम्हारी आस में साथ हम दे दें मगर तुम्हारे इस तरह जल-जल कर खत्म होना अब हमें हरगिज़ गवारा नहीं है..!
🥀teres@lways 🥀