याद
मैने लहरों से सीखा है मौज में रहना!
नहीं होता किनारा लहरों का दीवाना।
हवा से बात करती है हर सुबह मेरी!
पर समझ न पाए दिलों का अफसाना।
गगन की ऊँचाईयों में कहीं खो गई है!
ज़मीं पे लौट आओ ऐ दिल के...
नहीं होता किनारा लहरों का दीवाना।
हवा से बात करती है हर सुबह मेरी!
पर समझ न पाए दिलों का अफसाना।
गगन की ऊँचाईयों में कहीं खो गई है!
ज़मीं पे लौट आओ ऐ दिल के...