...

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अभी बहुत दूर है जाने को
एक नई कहानी फिर शुरू हुई,
एक नए दिन का आगाज हुआ
पीडाओं को ले गया कल,
एक नया सवेरा आज हुआ
कुछ नई किरणों को लाया सूरज
आज तुम्हें राह दिखाने को
चलो राही राह लो अपनी
अभी बहुत दूर है जाने को

फिर नई आशाएं, नया भाव हो
जीवन पटल पे नया दाव दो
जो पीड़ा दे रहा है अभी तक
समय को भरने दो उस घाव को
पल पल हर पल आतें ही हैं
सब को कुछ नया सिखाने को
चलो राही राह लो अपनी
अभी बहुत दूर है जाने को

कोई मीत जो तुम्हारा छूट गया
कोई आपना तुम से रूठ गया
बात बिगड़ी अब और न बिगाड़ों,
उन्हें मनाओ खोजों ढूँढ निकालो
देखो वर्तमान है विराजमान
आज तुम्हारा साथ निभाने को
चलो राही राह लो अपनी
अभी बहुत दूर है जाने को

© प्रियांशु सिंह