...

34 views

तूफ़ान
तूफानों के आने की खबर किसको थी
उजड़ कर बिखर जाने की तलब किसको थी
यूं तो खुश सब थे बहुत मगर
दुख में डग-डग की सभी डगर
इस महावत के आने से
थम गए सभी मतवाले से
खो दिया किसी ने घर परिवार
और किसी ने मीठा प्यार
सोचा होगा कुछ भव्य भविष्य
क्या पता था होगा सब अदृश्य
कुछ के सपने तो टूटे थे
कुछ पूरे दिल से रूठे थे
एक आह मिली उस अभरम को
एक दाह लगी उस भरम को
कुछ को तो मृत्यु ही प्राप्त हुई
कुछ निर्ममता से व्याप्त हुई
बिछड़े जो कभी फिर मिल न सके
वो ज़ख्म कभी फिर भर न सके
इस तेज धार के आने से
लुट गए सभी थे प्यारे से
बचा नही कुछ रखने सा
फिर मिला नहीं कोई अपने सा।

© All Rights Reserved