...

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मैं होली हूँ वृन्दावन की,तू बनारस की मसाने वाली होली हैं
मैं नटखट बंजारन सी,
तू मस्तानो का टोला हैं
मैं बहती चलती नदिया सी
तू सागर सा मुझको धरता हैं

मैं रंग अबीर सतरंगी,
तू भस्म में रमता जोगी हैं
मैं वृन्दावन की होली रंगीली
तू बनारस की मसाने वाली होली हैं

मैं करूं समर्पण जग अपना
तू मेरा संसार बनाता है
मैं तेरे रंग में दिवानी हूँ,
तू प्रेम रंग का रसिया हैं

मैं आधा हिस्सा हूँ तेरा ,
तू मुझको पूरा करने वाला है
मैं हूं तुम औऱ तुम मुझसे,
हम एक दुज़े के हमसाये हैं


© pari