मोहोब्बत
कभी मोहोब्बत से है ज़माने मे इज्ज़त ,
कभी बदनामी का नाम हैं मोहोब्बत,
कभी घर बसाती हैं मोहोब्बत,
कभी घर उजाड़ती है मोहोब्बत,
किसी के दिल की तड़प है मोहोब्बत,
किसी के मन का सुकून हैं मोहोब्बत,
कभी बिछड़ो को मिलाती हैं मोहोब्बत,
कभी अपनो को भी बेगाना बनाती हैं मोहोब्बत,
कभी मंदिर का भगवान हैं...
कभी बदनामी का नाम हैं मोहोब्बत,
कभी घर बसाती हैं मोहोब्बत,
कभी घर उजाड़ती है मोहोब्बत,
किसी के दिल की तड़प है मोहोब्बत,
किसी के मन का सुकून हैं मोहोब्बत,
कभी बिछड़ो को मिलाती हैं मोहोब्बत,
कभी अपनो को भी बेगाना बनाती हैं मोहोब्बत,
कभी मंदिर का भगवान हैं...