...

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क्यों अंधेरों में अकेला छोड़ा मुझे
क्यों जोड़ दिया तूने इन अंधेरों से मुझे,
हर तरफ दिखती हो तुम फिर भी मुझे,
क्यों छोड़ दिया इतना पीछे तूने मुझे,
हर रोज तेरा इंतजार है फिर भी क्यों मुझे

मैं भी कभी हंसता था, गाता था, मुस्कुराता था
हर रोज तेरे लिए भगवान को मनाता था
जब मैं तेरे साथ होता था, तो जिंदगी जी लेता था तेरी हर खुशी को अपना जीने का मकसद बना लेता था

फिर क्यों छोड़ दिया पीछे तूने मुझे
क्यों है तेरा इंतजार फिर भी मुझे

तेरे लिए सबको छोड़ा ,अपनी हर खुशी को तुझसे जोडा
तेरे लिए सब से लड़ा , फिर भी था तेरे सामने हमेशा खड़ा
एक बस तुझे खुश रखने के लिए...