...

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धीरे धीरे कदम बढ़ाना
एक पिता अपने बेटे से कहता हैं


धीरे धीरे कदम बढ़ाना
तुम आगे तक जाना
कहीँ भटके तो याद आना

मंजिल तुम्हारे पास नही मगर
कदम बढ़ाते रहना

दिल ने ये कहा हैं दिल से
तुम चलते रहना

जोश मे होस मे तुम कदम
बढ़ाना

मुश्किल आय तो गुलाम बनना

कठिन लगे तो दिमाग लगाना
तुम आगे बढ़ते जाना

उमीद रखना पहुँचोगे जरूर
बस चलना मत रोकना

तुम साथ हों या ना हों क्या फरक है
बस मंजिल तक जरूर जाना

तुम बस धीरे धीरे से कदम बढ़ाना

आगे तक चलते जाना

बस तुम कदम बढ़ना