...

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सही फ़ैसला…
तुम्हारे सिर से लेकर पाऊँ तक,
हम कविता का घर बनायेगे…

तुम क्या समझोगे
हमारी इश्क़ की कहानी को,
तुम्हारी तस्वीर बना कर अपने हाथों से,
उसे देख-देख कर! पल-पल हम तुझे चाहेंगे…

हमारे लाल रक्त की क़सम,
हम खुदको इसके काबिल बनायेंगे…
कभी यह मत भूलना
कि तुझे हम भूल जाएँगे…

चल तुमने यह जो कर दिया
अपना जान कर,
छोड़ दिया मुझे
तूने बेगाना मान कर…

शायद एहसास की ज़रूरत तो नहीं थी,
तुझे लगता मैंने तुझे कुछ बताने
कि कोशिश नहीं की…

मुझे सही भी लगा था।
मैंने यह सब तुझे जो बोल रखा था।

तू जो भी फ़ैसला लेगी,
मेरी इस में सहमति होगी…
तेरी ज़िंदगी में जो तुझे अच्छा लगा होगा!
तुमने वो किया…
तुमने आने वाले वक़्त का शायद!
यह सही फ़ैसला लिया…

मगर! मेरे दिल की ज़मीन पे तेरे एहसास.
फूल खिल जाएँगे तुम कितना भी दूर जाओ हमसे,
यह हमारे प्यार कि ख़ुशबू ही फैलाएँगे…
कभी यह मत भूलना कि तुझे हम भूल जाएँगे…

#जलते_अक्षर

© ਜਲਦੇ_ਅੱਖਰ✍🏻