...

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zindagi
कमाल है ये जिंदगी बेमिसाल है ये जिंदगी हर मोड़ पर करता सवाल है ये जिंदगी खुल के जीने में फिर कैसी ?ये शर्मिंदगी
मैं कहता हो तो जिले इस पल को किस ने देखा है आने वाले कल को ।
वक्त की हुंकार भर के अपनो का दीदार करके
बुराइयों का संघार करके तू
निकल चल अपनी वजूद की तलाश में ।
जिंदगी एक कसौटी पर खरा है उतरना जो खुद पे हो विश्वास तो काहे को डरना ।
तुम खोल के अपने इन नन्हे पंखों को भर ले तो उड़ान जब आज नहीं तो कल जब जाना है शमशान ।इसलिए में कहता हो तू जिले इस पल को किसने देखा है आने वाले कल को।
© aman 8111819@