हर कोई मेरा साथ निभा भी नही सकता
समंदर को क्या गम है
बता भी नही सकता...
आंसू बनकर आंखों में
आ भी नही सकता...
तू कहे तो एक जर्रे में
बह जाऊं
वर्ना तो कोई तूफ़ान भी
मुझे हिला नही सकता
तू छोर गया मुझे तो इसमें
तेरी खता क्या??
हर कोई मेरा साथ
निभा भी नही सकता
© I_M_ShayarShubh
बता भी नही सकता...
आंसू बनकर आंखों में
आ भी नही सकता...
तू कहे तो एक जर्रे में
बह जाऊं
वर्ना तो कोई तूफ़ान भी
मुझे हिला नही सकता
तू छोर गया मुझे तो इसमें
तेरी खता क्या??
हर कोई मेरा साथ
निभा भी नही सकता
© I_M_ShayarShubh