मेरी पुरानी मुस्कान
चल पड़े हैं खुद की खोज में,
दिल का हर एक दरवाज़ा बंद करे,
अपनी खामोशी को अपना हथियार बनाके,
जिस्म की हर एक आहटें थाम के,
न कोई साथ है न कोई पास है,
एक रूह है...
दिल का हर एक दरवाज़ा बंद करे,
अपनी खामोशी को अपना हथियार बनाके,
जिस्म की हर एक आहटें थाम के,
न कोई साथ है न कोई पास है,
एक रूह है...