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मैंने ख़ुद को सादा कर लिया
उसके बाद ख़ुद को आधा कर लिया
कुछ, यूँ मैंने ख़ुद को सादा कर लिया।
जानते हम भी थे कोई साथ नहीं देता मग़र
ऐतबार किसी का हमनें कुछ ज्यादा कर लिया।
उसकी वो जाने बातों की कितनी पक्की है वो
हमनें तो जिससे जो कहा वो वादा कर लिया।
उम्मीद, वफ़ा, बेचैनी, सपनें, ख़्वाहिशें त्याग कर
मोहब्बत से ख़ुद को मैंने भी आज़ादा कर लिया।
यहाँ लोग जरूरतों के लिए संग करते हैं "गौरव"
इसलिए मैंने ख़ुद को तन्हा आमादा कर लिया।
© Gaurav J "वैरागी"
#gauravगाज़ियाबादी #gaurav_j_वैरागी #gaurav_jausol #gaurav_ghaziabadi #WritcoQuote #writco
कुछ, यूँ मैंने ख़ुद को सादा कर लिया।
जानते हम भी थे कोई साथ नहीं देता मग़र
ऐतबार किसी का हमनें कुछ ज्यादा कर लिया।
उसकी वो जाने बातों की कितनी पक्की है वो
हमनें तो जिससे जो कहा वो वादा कर लिया।
उम्मीद, वफ़ा, बेचैनी, सपनें, ख़्वाहिशें त्याग कर
मोहब्बत से ख़ुद को मैंने भी आज़ादा कर लिया।
यहाँ लोग जरूरतों के लिए संग करते हैं "गौरव"
इसलिए मैंने ख़ुद को तन्हा आमादा कर लिया।
© Gaurav J "वैरागी"
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