...

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प्यार के अध्याय का वो खाली पन्ना
प्यार के अध्याय का वो
पन्ना खाली रह गया
जिसमें कुछ सपने सँजोये
रखे थे तुम्हारे लिए

अनकहे जज्बातों को
सूली चढ़ना ही था
फिर भी आस का दीपक
जलाएं रखा तुम्हारे लिए

हसरतें कई थी तुम्हारे लिए
तुम बिन एक लम्हा भी भारी था
एक एक करके सबको
पीछे छोड़ना ही था

लगती है आग जब सीने में
दरिया तूफान का उमड़ता है
धरे के धरे रह जाते है जज्बात
अरमान सूली चढ़ने लगते है

© उन्मुक्क्त अनूप