...

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दिल की बातें
दिल की बातें उसे बतानी है
बुझ रही आग फिर जलानी है

बात करनी है अब इशारों में
ख़ामुशी उस पे आज़मानी है,,

वक़्त उसका तो हीरे मोती सा,,
वक़्त क्यों मेरा मुफ़्त पानी है,,

इश्क़ कौड़ी के भाव है समझे ,,
हर हसीं शख्स की कहानी है,

उसके बस में है छोड़ दे मूझको,,
पर मुहब्बत मेरी तो फ़ानी है,,

ज़ुल्म के बावजूद मैं ठहरा*
मेरी तुझ पर ये मेह्रबानी है

जो अना की खड़ी थी दीवारें
मिल के दोनों को अब गिरानी है,,
*विकास जैन व्याकुल*

फ़ानी - नश्वर
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