...

5 views

भागम भाग
हम किस ओर भाग रहे है,
अपनो की भीड़ मैं हम क्यों घुम होते जा रहे है।
पहचान बनाने की कोशिश मैं जुटे,
हम अपनी उम्र क्यों खर्च करते जा रहे है।
हम अब यह किस ओर जा रहे है।

इस भागम भाग की जिंदगी मैं,
अपनो के साथ चाय की चुस्कियां लिए ज़माना हो गया,
घर मे माँ की हाथ से खाये संवाद का मज़्ज़ा फीका हो गया।
आफिस के बास्ते को उठाये,
यह भर जिमेदारी मैं कब बदल गयी,
और जिम्दारियों के नाम पे सपनो को कुचलना क्या लाज़मी था?
यह हम किस ओर जा रहे है?

यह चार दीवारों मैं,
हमने ऐशो आराम तो कमा लिया।
पर माँ की गोद का सुकून कितना पीछे छोड़ आये है।
यह चार दीवारों मैं हमने LD TV तो लगा लिया,
पर खुशियो की ठहाके सुनने को काने तराशते जा रहे है।
हम यह किस ओर जा रहे है।

छुटी बिताने हम लाखो खर्च कर रहे है,
पर मन की शांति को पाने के लिए क्या ही कर पा रहे है।
यह हम किस ओर जा रहे हैं

हम यह किस ओर जा रहे है,
जहा सुकून के नाम पर दवाइया की लिस्ट हैं,
परिवार के नाम पे कुत्ते बिली के पेट नाम है।
इमारते उची बनाने के लिए हम अपनी ईमान बेचे जा रहे है।
हम यह किस ओर जा रहे है।

पैसो की खुसबू से अपने घरो को महकने के लिए,
कठपुतलियां बन कर राह गए है,
सचाई देख के भी अंख मूंदते जा रहे है।
हम यह किस ओर जा रहे है,
हम यह किस ओर जा रहे है।
#hindi #हिंदी



© Priya kumari