में ऐसा क्यों हो
ना जाने क्यों तेरे करीब आते ही में खुद को अपने दायरों से घेर लेता हो।
कोशिश तो बहुत करता हो की चलो इस बार दहलीजे लांघ ही लेता हो पर ना जाने क्यों ?हर
बार की तरह खुद को तेरे पास जाते ही खुद को मांग लेता हों। ख़ैर बहुत हुआ ये खेल तमाशा मैं थक गया खुद को देते देते ये दिलासा की अब पलटेगा पासा।
चलो अब हम एक दूसरे के खातिर एक दूसरे से सौदा करते है एक दूसरे के खातिर एक दूसरे से जज्बातों का समझौता करते है।
हम फिलहाल इन जज्बातों के खातिर एक दूसरे के लिए अंधे हो जाते है
जो ये न हो सका तो
तुम...
कोशिश तो बहुत करता हो की चलो इस बार दहलीजे लांघ ही लेता हो पर ना जाने क्यों ?हर
बार की तरह खुद को तेरे पास जाते ही खुद को मांग लेता हों। ख़ैर बहुत हुआ ये खेल तमाशा मैं थक गया खुद को देते देते ये दिलासा की अब पलटेगा पासा।
चलो अब हम एक दूसरे के खातिर एक दूसरे से सौदा करते है एक दूसरे के खातिर एक दूसरे से जज्बातों का समझौता करते है।
हम फिलहाल इन जज्बातों के खातिर एक दूसरे के लिए अंधे हो जाते है
जो ये न हो सका तो
तुम...