...

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झील किनारे आ जाना
कुछ गीत पुराने याद आए कुछ गीत पुराने भूल गए
कुछ धुंधली सी यादों की तस्वीर पुरानी भूल गए

नहीं जागते अब रातों में वो चांद अधूरा भूल गए
वो मुझसे मिलने आए थे पर पूरा आना भूल गए

जो कभी राह तकते थे,वो मेरा चेहरा भूल गए
मुझे दिल में रखना भूल गए,वो सारे पहरे भूल गए

याद नहीं मैं उनमें हूं,कुछ इस तरह हमें भूल गए
ऐसी विरानियां आई फिर वो सहरा सहरा भूल गए

वो टूट कर तो आए थे फिर भी बिखरना भूल गए
कुछ आईने को संवार दी पर खुद संवरना भूल गए

फिर भी कहती रहती मैं तुम भूल से सब भुला जाना
वक्त मिले तो मुझसे मिलने झील किनारे आ जाना


जब आना मुझसे मिलने कुछ पुराने सपने ले आना
जो साथ बिताए लम्हे थे कुछ लम्हें उनमें से ले आना

बिखरे हुए लफ्जों की कोई अधूरी कहानी ले...