...

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कभी कभी
कभी कभी तो तुम, यूं ही चली आती हो,
छुपते छुपाते, दिल में बस भी जाती हो ।

तु अमावस की रात, बनके पूनम आती हो,
मेघ मल्हार सा, मेरी चाहूं ओर बरस जाती हो ।
© ©®@Devideep3612
कभी कभी तेरे इश्क की, बरसात मुझे छूती है,
हौले हौले से, मेरे तन मन को तरस देती हो ।

तेरा आना तो मेरे, दिल को सुकून देता है,
कभी कभी, आते ही चले जाना, क्यूं तड़पाती हो ?

कभी कभी तो लगता है, तुम हसीन सपना हो,
हकीकत न बनोगी, फिर भी मेरा अपना हो ।
© ©®@Devideep3612