त्रि वर्ण
हर रंग बताए इक नई कहानी
हर इक मूड की वो गीत
जो सिकाए चलते चलते हमें
मिलजुलकर रहने कि रीत ।
चलो त्रिवर्न बताए क्या
दिखाऊं मेरी नजरीय से
अलग होकर भी एक है
हम इस प्यारे देश में ।
केसरिया रंग जो किए उज्वल
वो रंग खिले आसमान में
शक्ति की है ये प्रतिमा
हिन्दुस्तान के हिन्दुस्तानियों के।
सफ़ेद है जो पवन निर्मल
शुभ्र का है ये मिसाल
मन को रखता शांत और
सब लगे जैसे इक परिवार।
हरा रंग जो खिले ऐसे
सब जगह फैली सी रहते
दूर होकर भी पास है
इस अहसास को देते रहते।
चक्र है ये वीर अशोक का
जो लहराए ध्वज के बीच में
हर घड़ी ये याद करता
हमारे वीर जवानों की।
नहीं ये केवल डवाज है
जिसे रंग है तीन रंगों से
ये मेरे देश की अभिमान है
जिसे सीचा मेरे देश के वीरों ने।
हर इक मूड की वो गीत
जो सिकाए चलते चलते हमें
मिलजुलकर रहने कि रीत ।
चलो त्रिवर्न बताए क्या
दिखाऊं मेरी नजरीय से
अलग होकर भी एक है
हम इस प्यारे देश में ।
केसरिया रंग जो किए उज्वल
वो रंग खिले आसमान में
शक्ति की है ये प्रतिमा
हिन्दुस्तान के हिन्दुस्तानियों के।
सफ़ेद है जो पवन निर्मल
शुभ्र का है ये मिसाल
मन को रखता शांत और
सब लगे जैसे इक परिवार।
हरा रंग जो खिले ऐसे
सब जगह फैली सी रहते
दूर होकर भी पास है
इस अहसास को देते रहते।
चक्र है ये वीर अशोक का
जो लहराए ध्वज के बीच में
हर घड़ी ये याद करता
हमारे वीर जवानों की।
नहीं ये केवल डवाज है
जिसे रंग है तीन रंगों से
ये मेरे देश की अभिमान है
जिसे सीचा मेरे देश के वीरों ने।