...

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ख़ुशियों का गल्ला
खाली है मन,
निढाल है तन।
इच्छाशक्ति पर मेरी,
तंज कसा गया है जबसे,
खुलती जा रही है,
तह दर तह, रंजिश उनकी।

आए कोई खोले, फिर
गल्ला, ख़ुशियों का।

ले जाए, परे, मुझे, मुझसे।

सिखाए, जीने का नया तरीका।
दिखाए, पीने का नया नतीजा।
बैठ जाये, सीने से लगाके,
भूलना सिखाए, दर्द भरी रातें,
जिनका अंत, आता नहीं।

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