ख़ुशियों का गल्ला
खाली है मन,
निढाल है तन।
इच्छाशक्ति पर मेरी,
तंज कसा गया है जबसे,
खुलती जा रही है,
तह दर तह, रंजिश उनकी।
आए कोई खोले, फिर...
निढाल है तन।
इच्छाशक्ति पर मेरी,
तंज कसा गया है जबसे,
खुलती जा रही है,
तह दर तह, रंजिश उनकी।
आए कोई खोले, फिर...