Lovecrimes!
#Lovecrimes
निकली थी घर से मैं माँ बाप को रुला के,
कुछ ही पलों में ज़िंदगी मेरी, मिट्टी हो गयी।
ना प्यार करना कभी ऐसा , मेरे दोस्तों,
की उस प्यार के पीछे छिपी नफ़रत,
ना तुम्हें नज़र आए!
© simplicity wins!
निकली थी घर से मैं माँ बाप को रुला के,
कुछ ही पलों में ज़िंदगी मेरी, मिट्टी हो गयी।
ना प्यार करना कभी ऐसा , मेरे दोस्तों,
की उस प्यार के पीछे छिपी नफ़रत,
ना तुम्हें नज़र आए!
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