...

8 views

एक सवेरा
#स्वतंत्रता_प्रयास
©©®Devideep3612
एक सवेरा जब दिल में झांका
तब ही हमने अपने को आंका
प्रश्न बड़ा था हम पे ही बांका
राम है हम या रावण की लंका ?

गएँ दूर करने अपनी हम शंका
कहता अहं था अपने तन का
है जुबां राम तो, हूं उस रंग का,
भले काम करूं ना मैं ढंग का ।
© ©®Devideep3612
मैं ही राम हूं, युग जीवन का
बाकी लोग है दुर्धर लंका,
जीवन जीता यही मैं भ्रम का,
पाया जब गुरु सत्संग का..

वहम मिटा अब अपने मनका
लें राम भेस तब, जीते थे लंका,
आज सवेरा दिल में है बांका
अब आत्मा में जो शिव है झांका ।
© ©®Devideep3612