...

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मुमताज ♥️
रात का चमकता चांद है तू मैं सवेरा कोई
मुमकिन कैसे भला रिश्ता, तेरा मेरा कोई

अगर खुदा राजी हुआ मोल भाव करने को
खुद को बेचकर मांगता एक पल तेरा कोई

दिल दबी ख्वाहिश कभी मैं मिलूंगा चांद से
काश..पल भर के लिए, कर दे अंधेरा कोई

तेरा जमाल पैदाइशी है इक सूरज सरीखा
राख हो जाएगा अभी गर छूले चेहरा कोई

कोशिश न कर रह दूर मुझसे अच्छा रहेगा
देख हो जाएगा बखेड़ा फिर तेरा-मेरा कोई

बादलों पीछे छुपा, आधा दिख रहा है चांद
जरा चेहरे से हटा दे जुल्फों का पहरा कोई

हुस्न दौलत जवानी तुम मुमताज हो जोकर
फिराक में बथेरे हैं तुझे लूटे ना लुटेरा कोई
🤡
© Dr. Joker