...

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शिद्दत से इश्क़ करेंगे
देखो तुम्हारे जाने पर भी ये जिंदगी थमी नही
सबकुछ है मेरी पास ,कोई कमी नहीं!

तेरी यादों को अपनी जहन से निकाल फेका है
खिलखिला उठी है आँखो भी
आँखों में कोई नमी भी नहीं

जिंदगी के इस सफर में अकेला ही निकल पड़ा हूँ मैं
जहाँ छोड़ा था उस जगह से अब चल पड़ा हूँ मैं

अब किसी को खोने का डर नहीं सताएगा
तेरी मंजिल के रास्ते तुझे कोई नहीं बताएगा

रातों को जुगनू बन ख़ुद राहे ढूंढ़नी है
जो मेरे लिए सच्ची हो,अच्छी हो ऐसी बाहें ढूंढ़नी है

कोई सिकवा ना उसकी रुसवाई से करेंगे
गिरेंगे बार बार जो मोहब्बत उस खाई से करेंगे

और...
मेरी मोहब्बत में ही कोई कमी रही होगी सोंच कर,
अगली दफ़ा इश्क़ और गहराई से करेंगे...
🖋️अखिलेश सिखापुरी © अखिलेश सीखापुरी