बहुत कुछ बोलता हूँ मै...
समंदर की नब्ज टटोलता हूं मैं,
पत्थर को पानी में घोलता हं मैं ।
तुम्हारा अंदाज है भाता मुझे तुम्हारे ही...
पत्थर को पानी में घोलता हं मैं ।
तुम्हारा अंदाज है भाता मुझे तुम्हारे ही...