...

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तुम्हारे बिना दिल लगता नहीं है
तुम्हें प्यार करने की आदत हमारी
तुम्हारे बिना दिल लगता नहीं है।

तुम्हें देख कर ही करार आए हैं
तुम्हारे ही दम से बहार आए हैं
मेरी जिंदगी में खुशियाँ है तुमसे
पास मेरे रहो दुआ है ये रब से
तुम्हारे ही दम से है घर में उजाला
तेरी चाहतों ने हरपल संभाला
ये जुल्फों के साये आँखों के प्याले
तुम्हें देख कर दिल कैसे संभाले
फिरदौस जैसी नक्सकारी तुम्हारी
देखता ही रहूँ दिल कहता यही है।
तुम्हें प्यार करने की आदत हमारी
तुम्हारे बिना दिल लगता नहीं है।

मेरी धड़कन में तुम हो समाये हुये
मेरे ख्वाबों खयालों में छाये हुये
मेरा चाँद घूँघट में सरमाता रहा है
आँखों ही आँखों में कुछ सुनाता रहा है
कहीं रात रानी ना यूँ बीत जाए
कहीं जिंदगी कोई गीत गाए
भुलाना जो चाहूँ भुला ना सकूँगा
तुम जो नहीं तो मैं कैसे रहूँगा
तुम्हारी उल्फत है जीना मरना मेरा
तुम्हारे बिना दिन गुज़रता नहीं है।
तुम्हें प्यार करने की आदत हमारी
तुम्हारे बिना दिल लगता नहीं है।
© राकेश कुमार सिंह