हम-तुम
कब यह रिश्ते ना जाने कहाँ गुम हो गए
सुबह जो उठे ना जाने रात को कब सो गए
मिले-जुले रिश्ते प्यार के अब खो गए
हम अब हम नहीं रहे अब तुम हो गए!!
करते थे बे खूब प्यार के वायदे
करते थे महबूब इजहार के वायदे
कहाँ बो बोले वायदे सुन्न हो गए
हम अब हम नहीं रहे अब तुम हो गए!!
मरते थे जो हंसी पर हमारी
करते थे जो हदपार फ़िक्र हमारी
बो ना जाने रूठ...
सुबह जो उठे ना जाने रात को कब सो गए
मिले-जुले रिश्ते प्यार के अब खो गए
हम अब हम नहीं रहे अब तुम हो गए!!
करते थे बे खूब प्यार के वायदे
करते थे महबूब इजहार के वायदे
कहाँ बो बोले वायदे सुन्न हो गए
हम अब हम नहीं रहे अब तुम हो गए!!
मरते थे जो हंसी पर हमारी
करते थे जो हदपार फ़िक्र हमारी
बो ना जाने रूठ...