...

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हम-तुम
कब यह रिश्ते ना जाने कहाँ गुम हो गए
सुबह जो उठे ना जाने रात को कब सो गए
मिले-जुले रिश्ते प्यार के अब खो गए
हम अब हम नहीं रहे अब तुम हो गए!!

करते थे बे खूब प्यार के वायदे
करते थे महबूब इजहार के वायदे
कहाँ बो बोले वायदे सुन्न हो गए
हम अब हम नहीं रहे अब तुम हो गए!!

मरते थे जो हंसी पर हमारी
करते थे जो हदपार फ़िक्र हमारी
बो ना जाने रूठ कर कब चले गए
हम अब हम नहीं रहे अब तुम हो गए!!

उसकी जुबां पर जिक्र नहीं था औरो का
पर अब साथ दे रहे है बो गैरो का
हमेशा हंसने बाले जाने क़्यू गुमसुम हो गए
हम अब हम नहीं रहे अब तुम हो गए!!

बो तो स्थिर पथर थे जो मिट्टी पर खड़ा
अब ना जाने क़्यू बदल रहे मौसम कि तरह
सीधे दिखने बाले अब कुत्ते की दुम हो गए
हम अब हम नहीं रहे अब तुम हो गए!!

जाना ही था सनम इसका इनकार ना था
बता कर तो जाते कि तुमसे प्यार ना था
हम तो अब कश्ती होते हुए भी डूब गए
हम अब हम नहीं रहे अब तुम हो गए!!
- सुरेंद्र राठौर