तब्दीली!
फसीलों पे लहराती यादों के वास्ते,
आओ चलें फिर नये इरादों के वास्ते!
जो कमाया था सदियों में वो सब कुछ ही खो गया,
चलो फिर चलें कुछ कमाने के वास्ते!
सहरा न रोक पाये थे कभी रास्ता तेरा,
अब कुत्ते खड़े हैं राह में तुझे रोकने के वास्ते!
...
आओ चलें फिर नये इरादों के वास्ते!
जो कमाया था सदियों में वो सब कुछ ही खो गया,
चलो फिर चलें कुछ कमाने के वास्ते!
सहरा न रोक पाये थे कभी रास्ता तेरा,
अब कुत्ते खड़े हैं राह में तुझे रोकने के वास्ते!
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