...

2 views

सुनो तुम्हें, याद तो हूं न मैं...
जिम्मदारियों
की नदी में,
बेसुध बहते हुए,
मैं चुप हूँ अभी भी
अपनी खामोशियाँ
कहते हुए,
क्या अब भी,
सज़दे में
बुदबुदाती कोई
फ़रियाद हूँ मैं,
बिखरा मैं टूटा
तुमसे हाँ छूटा,
सोचता हूँ, बस यूं ही
तुम्हें क्या, याद हूँ मैं

- योगेश योगी ✍️✍️✍️
#yogeshyogi22390
© © @yogeshyogi22390